उम्मीद है, मेरी वार्ता आपके समझ का हिस्सा बन गई होगी। उम्मीद है, मेरी वार्ता आपके समझ का हिस्सा बन गई होगी।
मैं आज अठारह वर्षों के बाद भी उस अपराध बोध से मुक्त नहीं हो पायी हूँ। मैं आज अठारह वर्षों के बाद भी उस अपराध बोध से मुक्त नहीं हो पायी हूँ।
इसी लिए फिर तुम्हारी दादी मुझे ही कहती है की बेटियों को कोई संस्कार नहीं दिए इसी लिए फिर तुम्हारी दादी मुझे ही कहती है की बेटियों को कोई संस्कार नहीं दिए
हर स्त्री प्रताड़ित है कहीं ओहदे से,कहीं गुरुर से,कहीं जिम्मेदारियो से,कहीं धर्म संस्कार की आड़ से,क... हर स्त्री प्रताड़ित है कहीं ओहदे से,कहीं गुरुर से,कहीं जिम्मेदारियो से,कहीं धर्म...
दुनिया बराबरी वाली दुनिया बराबरी वाली
अपनी नकारात्मक सोच पर अफसोस हुआ अपनी नकारात्मक सोच पर अफसोस हुआ